नरेंद्र मोदी बचपन में इतने पर्यावरण प्रेमी थे की जब उन्हें पता चला की बिजली के खम्भे पर एक पक्षी फश चूका हे तब बिना कुछ सोचे वे सीधा खम्भे पर पक्षी को छुड़ाने के लिए चढ़ गए थे ये तो उनके बचपन का सिर्फ एक छोटा सा किस्सा हे लेकिन आगे मेने उनके बारे में पुरे विस्तार से बताया है |
नरेन्द्रमोदी का बचपन
नरेंद्र मोदी के बारे थोड़ी सी जानकारी।
बात है तारीख 17 September 1950 का जब की नरेंदर मोदी का जनम गुजरात मेहसाणा जिले के एक छोटे से गांव वडनगर में हुआ, उनकी माता का नाम हिरा बेन मोदी और उनके पिता का नाम दामोदरदस मुलचंददास मोदी है. नरेंद्र मोदी उनके छे भाई बहनो में तीसरे क्रम पर है. नरेंद्र मोदी बचपन में वड़नगर के भगवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में पढ़ते थे, और वे अपनी स्कूल के एक औसत छात्र थे.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी के बचपन के कुछ जानीते किस्से।
नरेंद्र मोदी बचपन में शरारती भी थे यह इस बात पर से पता चलता है की जब वे छोटे थे तब सहनाई वादकों को इमली दिखा कर ललचाते थे जिससे की उनके मुँह में पानी आ जाये और वे सहनाई न बजा पाए यह तो मैंने आपको बस एक किस्सा बताया लेकिन निचे मैंने और भी किस्से बताये है.
1. मगरमछ के बच्चे को ही जब पकड़कर घर ले आए।
नरेंद्र मोदी जब छोटे थे तब वे अपने दोस्त के साथ सर्मिष्ठा तालाब में गुमने गए थे और वहा से एक मगरमछ का बच्चा अपने साथ घर ले आये थे और घर आकर जब उनकी माता यानि की हिरा बा ने जब उन्हें समझाया की एक बच्चे को अपनी मा से अलग करना कितनी बुरी बात है तो यह समझकर वे उस बच्चे को वापस छोड़ ए थे.
2. जब स्कूल की चारदीवारी बनानी थी जरुरी।
हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान नरेंद्र मोदी के स्कूल का रजत जयंती वर्ष था. उस स्कूल में चारदीवारी तक नहीं थी और उनकी स्कूल के पास उतने पैसे भी नै थे की चारदीवारी तैयार की जाये तब अभिनय में माहिर नरेंद्र को विचार आया की हम सब छात्रों को मिलकर कुछ करना चाहिए तब उन्हों ने अपने अभिनय के साथियो के साथ मिलकर एक नाट्य रचा और उसमे से जितने भी पैस इक्कठा हुए उन्होंने वे अपने स्कूल में दे दिए.
3. नरेंद्र मोदी के जुतें जो उन्हें अपने मामा ने दिए थे।
नरेंद्र मोदी के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारन ये संभव नहीं था की वे खुद जुटे ख़रीदे तब उनके जनम दिन पर उनके मामा ने उन्हें कैनवास के जूते खरीद कर दिए थे जूते शफेद होने के कारन गंदे होने का दर बना रहता था तब उनके पोलिश खरीदने तक के भी पैसे नहीं थे तो इस हालत में उन्हों ने एक सुझाव निकला उनके शिक्षक स्कूल में चौक फेक देते वे चौक को जमा कर कर चार ले एते और पाउडर बना कर भिगो कर उसको जूतों पर लगा देते थे और फिर उन्हें सूखने रख देते थे और जुटे एकदम चकाचक हो जाते थे।
बचपन से लेकर नरेंद्र मोदी का आज तक का सफर।
1958 में दीपावली के दिन गुजरात RSS के प्रथम प्रान्त प्रचारक लक्ष्मणराव इनामदार उर्फ़ वकील शाहब ने नरेंद्र को बाल स्वयं सेवक की शपत खिलाई थी। इस दिन के बाद नरेंद्र मोदी ने राजनीति शास्त्र में MMA किया इसके बाद 1967 में वे 17 साल के हुए और इसी साल वे चले गए अहमदाबाद और फिर यहाँ पर ६ साल महेनत काने के बाद १७४ में वे नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए अब वे शक्रिय राजनीती में आ चुके थे ये मुकाम हाशिल करने के लिए वे महज १६ साल तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संग में प्रचारक रहे।
अब साल था 1980 महज साल तक सक्रीय राजनीति में रहने के बाद वे गुजरात की भाजपा शामिल हुए अब करीब 8 साल भाजपा में काम करने के बाद साल 1988-1989 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के महा सचिव बनाये गए। अब नरेंद्र मोदी ने साल 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका अदा की। मुरली मनोहर जोशी की कश्मीर के लालचौक पर तिरंगा फहराने की यात्रा में भी मोदी हर वक्त साथ रहे। इसके बाद वो भारतीय जनता पार्टी की ओर से कई राज्यों के उच्च पदों पर रहे।
नरेंद्र मोदी की रथ यात्रा
नरेंद्र मोदी को 1995 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों की पार्टीओ उच्च पद पर बिढया गया। अब इसके बाद 1998 में उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया इस प् पर वे साल 2001 तक रहे लेकिन साल 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को कमान सौंपी गयी। उस साल भूकंप आया था और 20000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
गुजरात भूकंप 2001
2007 के विधानसभा के चुनावो में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास को मुद्दा बनाया और जीतकर वापस लोटे। फिर 2012 में भी भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विधान सभा के चुनावो में विजेता रही। नरेंद्र मोदी ने राज्य में लगातार तीसरी बार अपनी सत्ता का डंका बजाय। साल 2012 तक नरेंद्र मोदी BJP में अपना कद इतना बड़ा बना लिया था की लोग उन्हें पार्टी के PM के रूप में देखने लगे थे।
और अब वो दिन आ चूका था जा साल 2013 में उन्हें BJP प्रचार अभियान का प्रमुख बनाया गया और उसके बाद BJP ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम एलान कर दिया। और इसके साथ 2014 में नरेंद्र मोदी हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री बने।
2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी बने प्रधानमंत्री
"दोस्तों हमें मोदी की स्टोरी से यही सीखना हे की"
"हमें जिंदगी में कभी भी हर नहीं माननी"
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